Sunday, January 19, 2014

सोचता हूँ एक दिन ऐसा भी होगा...

सोचता हूँ एक दिन ऐसा भी होगा
खुद से मैं कह सकूँगा डूबती सी यादों में
अब न इंतजार, न मंजिल की तलाश
ज़िन्दगी गूंजती है कायनातों में...

2 comments:

Unknown said...
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Kharwar Rasdev singh said...

Wawwoo