Omar Khayyam's Rubaiyat: XLVI:
And fear not lest Existence closing your
Account, and mine, should know the like no more;
The Eternal Saki from that Bowl has pour'd
Millions of Bubbles like us, and will pour.
My Translation:
मरने के बाद भी,
हम मिटेंगे नहीं।
आने वाली पीढ़ियों में
हमारा अंश होगा...
...इसलिए नहीं कि हमारी आत्मा उनमे होग़ी
याकि वोह हमारी संतान होंगी... ।
बल्कि इसलिए
क्योंकि पानी में बुलबुले
उठते रहे हैं
..और उठते रहेंगे॥
...और सब बुलबुले
एक से होते हैं...
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