Friday, September 03, 2010
मेरे मौन गीत..
er...the fact that now I make my living by blabbering around with a GoG ("Gift of the Gab", for the novices) has nothing to do with these verses - मेरे मौन गीत - written almost 40years back (39 to be exact:)...
..but then that was another time, another era (though hopefully, not another person)
साँसों की सरगम पर
ह्रदय की ताल पर
मर्म के शब्दों को
संजोया, पिरोया मैंने...
बस यही हैं,
मेरे मौन गीत!
जीवन के समतल पर
समय की हलचल पर
शून्य की शान्ति में
तैरते-उतरते से
भटकते रहे,
मेरे मौन गीत!
प्रेम के आँचल पर
जीवन के अस्थिर मेघ पर
तेरे स्वर का सहारा
खोजते-खोजते
स्वयं खो गए,
मेरे मौन गीत!...
[Oct 17, 1971]
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